मांगो जो पानी तो वो
शराब देती है
आखों से ही वो प्यार
बेहिसाब देती है
अजी हाथों से मारने
वाले और होते हैं
अरे वो, वो तो आखों
से भी मार देती है
ख़बर है क्या उसे ही
बताने चले हो
जो जग भर को खुद ही
समाचार देती है
उसकी किस- किस अदा
की प्रशंसा करें
वो तो फ़कत आखों से
भी तार देती है
इन्कार की अदा है
यूँ देखना उनका
तुम क्या समझते हो
इकरार देती है
पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक- poetpawan50@gmail.com
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