यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

रविवार, 7 दिसंबर 2025

आज कल ऐसा हाल होता है



आज कल ऐसा हाल होता है

दिल अकेले में हो तो रोता है

यूँ तो महफ़िल में हँसता गाता है

दूसरों के भी गम को ढोता है.

 

आज कल ऐसा हाल होता है

रात जगता है दिन में सोता है

साथी बढ़ते ही जा रहे दिन दिन

और ए ज़िन्दगी को खोता है.

 

आज कल ऐसा हाल होता है

रात भर जग के सपने बोता है

एक ही बात कहता रहता है

आदमी है कि रट्टू तोता है

 

पवन तिवारी

०६/१२/२०२५  

 

 

 

 

 


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