यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

गुरुवार, 18 अप्रैल 2019

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता


अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता ने क्या नहीं लिया
सहिष्णुता  प्रेम  देश  की एकता नहीं लिया

असहमति का अधिकार कहाँ तक पहुँच गया
माँ  बहन  बेटी  और  निजता  नहीं लिया

आलोचना के नाम पर क्या-क्या है हो रहा
गाली  चरित्र हनन का फायदा  नहीं लिया

विरोध के अधिकार का यह हश्र कर दिया
सच तो  बता दो हाथ में जूता नहीं लिया

अभिव्यक्ति की अति छूट से ज़ख्मी हुआ राष्ट्र
अपमान किससे – किससे  किसका  नहीं लिया

अब  क्या  कहूँ पवन तुम्हें हैरान मैं भी हूँ
सब धन की और दौड़े कोई वफा नहीं लिया


पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८


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