अभिव्यक्ति की
स्वतंत्रता ने क्या नहीं लिया
सहिष्णुता प्रेम देश की
एकता नहीं लिया
असहमति का अधिकार
कहाँ तक पहुँच गया
माँ बहन बेटी
और निजता नहीं लिया
आलोचना के नाम पर
क्या-क्या है हो रहा
गाली चरित्र हनन का फायदा नहीं लिया
विरोध के अधिकार का
यह हश्र कर दिया
सच तो बता दो हाथ
में जूता नहीं लिया
अभिव्यक्ति की अति छूट
से ज़ख्मी हुआ राष्ट्र
अपमान किससे – किससे
किसका नहीं लिया
अब क्या कहूँ पवन
तुम्हें हैरान मैं भी हूँ
सब धन की और दौड़े
कोई वफा नहीं लिया
पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
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