ये नैना डसते,ये नैना ठगते.
नैनों की लत लग जाए
तो
नयनों के बिन बेहाल
हैं
नैना जो लिखते इबारत
निराली
नैना जो हँसते–हँसी प्यारी-प्यारी
नैनों की होती ये प्यारी
कटारी
घायल हुई जाँ हमारी -
तुम्हारी
नैनों को जादू है
नैना ये छलिया
इनमें फँसकर इन्हीं
का हो लिया
नैनों की भाषा है सबसे निराली
नैनों की बातें गज़ब प्यारी-प्यारी
अधरों के खुलने पे भय हो जहां पर
बतियाते बेखौफ नैना वहां पर
मजबूर होकर अधर चुप हुए जब
अधरों के काम किये नैन तब-तब
नैनों की भाषा है सबसे निराली
नैनों की बातें गज़ब प्यारी-प्यारी
अधरों के खुलने पे भय हो जहां पर
बतियाते बेखौफ नैना वहां पर
मजबूर होकर अधर चुप हुए जब
अधरों के काम किये नैन तब-तब
जैसे तुम्हारा मैं और
तुम हमारे
वैसे ही साथी ये नैना हमारे
प्यार की कश्ती इन्ही के सहारे
वैसे ही साथी ये नैना हमारे
प्यार की कश्ती इन्ही के सहारे
इन नैनों ने ही किये वारे न्यारे
पवन तिवारी
सम्पर्क - 7718080978
poetpawan50@gmail.com
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