सुर,नर,मुनि सबके दुःखहर्ता
शिव अनंत,शिव कथा अनंता
शशिशेखर,शम्भू भगवंता
जय जय जय शिव डमरू वाले
भगीरथ के भाग्य जगाए
जिसे देख खुद काल डेराए
पापों को हर,हर कहलाये
विष पी नीलकंठ कहलाये
जय जय जय शिव डमरू वाले
परशुहस्त,मृगपाणी हे
त्रिलोकेश,कामारी हे
मृत्युंजय,त्रिपुरारी हे
प्रथमाधिप,गिरिधन्वा हे
जय जय जय शिव डमरू वाले
महिमा नाम अनंत तुम्हारे
हम आये हैं द्वार तिहारे
दीन-दुखी के तुम रखवारे
कृपा करो हे नाथ हमारे
जय जय जय शिव डमरू वाले
पवन तिवारी
poetpawan50@gmail.com
सम्पर्क -7718080978
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