पीड़ा
में भी हँसते – हँसते जब कोई गीत सुनायेगा
बार
- बार आँधी में भी जब कोई दीप जलायेगा
जब
कोमल अन्तस् रोयेगा जब कविता सम्बल होगी
तब
- तब मेरा नाम उठेगा तब मेरी
चर्चा होगी
जब
कोई अपमानित होकर सम्मानों का शिखर छुयेगा
भय
के बिना उच्च स्वर में जब कोई अदना सत्य कहेगा
कोई
कवि उसको गायेगा उसकी जय जय जय होगी
तब –
तब मेरा
नाम उठेगा तब
मेरी चर्चा होगी
शब्दों
के साधक का जब भी उर अपमानित होगा
घर
में ही उपहासित होगा ताना नित नित होगा
नयन
भरेंगे ढुलकेंगे औ शब्दों को पीड़ा
होगी
तब –
तब मेरा नाम उठेगा तब मेरी चर्चा होगी
थका
हुआ जब कोई योद्धा,साहस से विजयी होगा
जिसके नामों से सम्मानित भी सम्मान कई होगा
जिसके
गीत सुनेंगे सारे जिसके नाम कहानी होगी
तब
- तब मेरा नाम उठेगा तब मेरी
चर्चा होगी
पवन
तिवारी
३०/०४/२०२२
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