तुम्हें
चाहना है करम
अपना
बनाया
धरम
कहने
की कोशिश भी की
आड़े आयी शरम
मन अब आवारा है
थोड़ा
बेचारा
है
लगता मेरे प्रेम का
गर्दिश
सितारा है
सब कुछ गँवारा है
ये दिल तुम्हारा है
दिन
आयेगा अपना
दिल
का इशारा है
प्यार
ही सहारा है
उलझा
किनारा है
सुलझाएंगे खुद ही
मामला
हमारा है
पवन
तिवारी
०८/०२/२०२२
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