मुंबई, युवा
साहित्यकार पवन तिवारी के नये पौराणिक उपन्यास “त्यागमूर्ति हिडिम्बा” को साहित्य
चेतना सम्मान वर्ष २०२१ के लिए चयनित किया गया है.यह सम्मान उन्हें शील साहित्य
परिषद के एक भव्य समारोह में २० अक्तूबर २०२१ को जांजगीर, छत्तीसगढ़ में गौरवपूर्ण
तरीके से प्रदान किया जाएगा.
ज्ञात हो कि
राष्ट्रीय स्तर का सम्मान प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्था शील साहित्य परिषद
छत्तीसगढ़, प्रति वर्ष अनेक विधाओं में देश भर के रचनाकारों को प्रविष्टियों के
आधार पर प्रदान करती है.पवन तिवारी गत २३ वर्षों से मुंबई जैसे महानगर में रहते
हुए साहित्य साधना में रत हैं. इससे पहले उनके पहले उपन्यास अठन्नी वाले बाबू जी
के लिए भी उन्हें महाराष्ट्र साहित्य अकादमी का जैनेन्द्र पुरस्कार मिल चुका है.
उनके अब तक दो कथा संग्रह एवं दो उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं. एक कविता संग्रह
काले अक्षर कवि और कविता प्रकाशन की प्रक्रिया में है.
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त्यागमूर्ति हिडिम्बा [उपन्यास] |
कविता गीत ग़ज़ल, निबन्ध,कहानी,उपन्यास
सहित अनेक विधाओं में लिखने वाले पवन तिवारी को अनेक मित्रों शुभचिंतकों ने बधाई
एवं शुभकामना दी है. जिनमें वरिष्ठ समाजसेवी डॉ बाबूलाल सिंह, प्रसिद्द समाजसेवी
एवं साहित्यकार अलका पाण्डेय, डॉ सतीश शुक्ल,वरिष्ठ अधिवक्ता दरम्यान सिंह बिष्ट,
वरिष्ठ साहित्यकार हृदयेश मयंक,युवा कवि अरविन्द पाण्डेय, चन्द्रिका व्यास, प्रकाशक राम
कुमार, व्यंग्य कवि हरीश शर्मा यमदूत, अवधेश यादव, वरिष्ठ पत्रकार राकेश पाण्डेय,
युवा साहित्यकार डॉ शिवम तिवारी, हिंदी प्रेमी प्रज्वल वागदरी, विदुषी साहित्यकार
डॉ उषारानी राव सहित उनके पैत्रिक गाँव जहांगीरगंज स्थित अलाउद्दीनपुर गाँव में
एवं आसपास के साहित्यकारों में ख़ुशी का माहौल है. स्थानीय साहित्यकार उमाशंकर शुक्ल ‘दर्पण’, सम्पूर्णानन्द दुबे,
लालबहादुर चौरसिया ‘लाल’, सौरभ त्रिपाठी, देवमणि त्रिपाठी ‘अंगार’,रामदरश पाण्डेय
‘विश्वासी’, मीरा त्रिपाठी आदि ने हर्ष
व्यक्त करते हुए बधाई दी है.
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