वही इक सबकी जो भली होगी
माँ तो सबकी ही
जिन्दगी होगी
अकेली माँ है प्रसव
की सोचो
खुशी में दर्द बस सही होगी
तुम्हारे पास ज्यादा
जिन्दगी है
भेज दो थोड़ी सी खुशी
होगी
प्यार जब भी मिला
तुम्हें होगा
जिन्दगी – जिन्दगी रही होगी
जो कि खुद से हुआ
मुकम्मल है
बात उसकी तो फिर खरी होगी
गैरों के गम भी
जिनके अपने हैं
राह उनकी हरी – भरी होगी
पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक –
पवनतिवारी@डाटामेल.भारत
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