यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

मंगलवार, 13 अगस्त 2019

राखी का रिश्ता




बहना  दुलारी  एक  पाखी है
उसकी उम्मीद  एक  राखी है
वैसे  तो  रिश्ते  अनेक  यहाँ
सच्चे रिश्ते की राखी साखी है

राखी खातिर हुमायूं था आया
राखी  सूत्र  देवेन्द्र को भाया
राखी  का  कितना गान करूँ
राखी की शक्ति ने बलि को हराया

भाई बहन का रिश्ता  अनोखा
जग भर में ये है सबसे चोखा
धन दौलत से ऊपर ये रिश्ता
भावों का यह अनुपम झरोखा

भाई बहन को रहती प्रतीक्षा
पावन  संबंधों   की  दीक्षा
एक दूजे का मंगल ही चाहें
भाई बहन की बस यही इच्छा


पवन तिवारी
सम्वाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक – पवनतिवारी@डाटामेल.भारत    

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