बहना दुलारी एक पाखी
है
उसकी उम्मीद एक राखी है
वैसे तो रिश्ते
अनेक यहाँ
सच्चे रिश्ते की
राखी साखी है
राखी खातिर हुमायूं था
आया
राखी सूत्र देवेन्द्र को भाया
राखी का कितना
गान करूँ
राखी की शक्ति ने
बलि को हराया
भाई बहन का रिश्ता अनोखा
जग भर में ये है सबसे
चोखा
धन दौलत से ऊपर ये
रिश्ता
भावों का यह अनुपम
झरोखा
भाई बहन को रहती
प्रतीक्षा
पावन संबंधों की दीक्षा
एक दूजे का मंगल ही
चाहें
भाई बहन की बस यही
इच्छा
पवन तिवारी
सम्वाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक –
पवनतिवारी@डाटामेल.भारत
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