मैं रेत तू नदी है
मैं लम्हा तू
सदी है
तुझे खुद से ज्यादा
चाहूँ
नेकी है या बदी है
मैं तार तू सितार
नाचीज़ मैं तू प्यार
तुझे नाम दूँ मैं क्या
तुझे इश्क कहूँ या
यार
मैं काँटा तू गुलाब
तू सबके लिए शबाब
तुझमें है जिन्दगी
मेरी
मैं कीच तू है आब
मैं छत हूँ तू दीवार
मैं बेचैनी तू क़रार
मेरी हस्ती भी बने
जो कर ले अंगीकार
पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक – poetpawan50@gmail.com
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