साई के दर पर जाना है
झोली को भर कर लाना
है
और क्या देखना कहीं
अपने साई का जमाना है
सारा जग उनका दीवाना
है
हम भी उनका मस्ताना है
साई की बात निराली
दया का साई खजाना है
जो उसके दर पर आया
जो चाहा वो सब पाया
उसे सब कुछ हासिल है
साई का जिस पर साया
सबके लिए तेरी राहें
खुली सदा तेरी बाहें
शरण जो तेरी आये
उसपे तेरी वारी निगाहें
पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक – poetpawan50@gmail.com
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