हमको आपत्ति नहीं सत्ता जो तुम्हारी
हो
चाह बस इतनी है कि बात भी हमारी हो
शिक्षा तो बस निजी विद्यालय में
नौकरी कुछ भी हो
सरकारी हो
रियायत माफी व घोषणा की बारिश हो
जनता पर टैक्स जितना भारी हो
फ़क़त उत्पाद बढ़ाने की धुन
जहर जनता में या बिमारी हो
समता बस भाषणों तक ही न रहे
सब की शिक्षा भी एक तारी हो
बजट रक्षा तलक ना
सीमित हो
स्वास्थ्य और शोध पर भी जारी हो
बहस अभिव्यक्त सब जरूरी "पवन"
मगर नैतिकता संग खुद्दारी
हो
पवन तिवारी
संवाद - ७७१८०८०९७८
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