समझ रहे हो अपनी
घेराबंदी को पवन बाबू
वक़्त आ गया है घोड़े
पर चढ़ो पवन बाबू
ये जो भी जलते हैं जलने
दो रोशनी होगी
इनके उजाले में ही
बढ़ते रहो पवन बाबू
दुश्मनों की कुढ़न
में भी मजा आता है
हाँ, तो और क्या कहते हो पवन बाबू
ये जो तुम्हारे
दोस्त दुश्मन बन रहे हैं न
सफलता की निशानी हैं बढ़ो पवन बाबू
नेपथ्य में गालियाँ और सामने से स्तुति
नेपथ्य में गालियाँ और सामने से स्तुति
अच्छे दिन आ गये
मुस्करा दो पवन बाबू
इतिहास बस तुम्हारी ही
तरफ देख रहा है
बेधड़क संघर्ष का
झंडा उठाओ पवन बाबू
तुम्हें गिरते देख
मज़ा आया है दुश्मनों को
मर जायेंगे सब बस हँसकर
उठो पवन बाबू
रास्ता रोके है हर
अच्छे का जमाना हरदम
पवन हो, पवन की तरह,
बहो पवन बाबू
पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
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