माँ शारदे ,वागीश्वरी,वाणी मृदुल कर दे
आवेश में भी,प्रेम से मैं , कह सकूँ वर दे
माँ भारती, वाचा, इला,सद्मार्ग पर कर दे
हो धैर्य, आये नम्रता, सच कह सकूं वर दे
माँ विमला,भाषा,विधात्री उर का तमस हर ले
रहूँ धर्म पथ पर मैं अडिग , संकल्प का वर दे
माँ ब्राम्ही,वीणाधारिणी मन राष्ट्र से भर दे
राष्ट्र के खातिर निछावर , हो सकूँ , वर दे
और कुछ इच्छा नहीं ,बस इतना सा कर दे
तुझसे विमुख ना हो सकूँ, ये आख़िरी वर दे .
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