यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

बुधवार, 29 मार्च 2017

अब बस प्यार करेंगे,प्यार करेंगे...प्यार करेंगे










































कुछ बातें आम करते हैं 
कुछ बातें ख़ास करते हैं
आइये न, आज को जिन्दगी के नाम करते हैं
सुबह करते हैं शाम करते हैं
रोज ही तो काम ही काम करते हैं
सोंच रहा हूँ आज तुमसे मुलाक़ात करते हैं
सिनेमा, खेल तो बहुत बार देख चुका हूँ
सोंचता हूँ आज बस तुम्हें देखतें हैं
कई बार तो बस तो सोंचते रह गये
प्यार करेंगे - प्यार करेंगे
पर आज कुछ नहीं करेंगे,
सच में, बस,प्यार करेंगे
कई बार अकेले में सोंचा हूँ
कई बार तुम साथ थीं,तब भी सोंचा हूँ
देखूं तुम्हे एकटक करीब से
तुम्हें, तुम्हारे चहरे के एक-एक रेशे को
पहचान सकूँ,अपना सकूँ
फिर ये भी सोंचता हूँ
तुम्हें देखूँगा एकटक तो
लोग क्या कहेंगे ?
कई दिन और महीने यही सोंचने में गुज़र गए
पर अब सोंचता हूँ तुम्हे निहारूंगा करीब से
और एकटक
जीवन भर के लिए तुम्हारे चेहरे की पहचान को
अपने दिल के आईने में बसा लूंगा
और ये भी देखूँगा कि लोग क्या करते हैं
और क्या करते हैं
बहुत हुआ इंतज़ार,
अब बस प्यार करेंगे,प्यार करेंगे...प्यार करेंगे

सम्पर्क -7718080978

poetpawan50@gmail.com   

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