ख्वाब
में तुमसे मिलना चाहा,वो भी न आया सालों तक
तुमको
खोजा कम्प्यूटर में,मेला और सिनेमा में
एक झलक
भी कहीं दिखी नहीं और गुजर गये सालों तक
जाने
कितने किस्से भूले,जाने कितने अपने बिछड़े
एक
तुम्हारा ही चेहरा बस चमक रहा है सालों तक
अब तो
गई जवानी, चाहत गई नहीं
तुम में क्या था, चाहत गई न सालों तक
ढल तो
तुम भी गई होगी,पर दिल नहीं मानता है
पहला
प्यार भूलता है कोई,कभी नहीं, सालों तक
नाती-नतिनी
मेरी कहानी, एक नहीं कई बार सुने
कई साल
से सुना रहा हूँ, और सुनेंगे सालों तक
पवन तिवारी
सम्पर्क -7718080978
poetpawan50@gmail.com
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