नज़्म
दिल्लगी
उनसे वो कोई प्रेमिका नहीं
वे मेरे
बाप हैं दूसरे नहीं होंगे
उनसे
बदजुबानी ये बात ठीक नहीं
कुछ भी
हो बाप तो बाप होंगे
तुम्हें
डाँटा,तुम्हे झिड़का,अच्छा किया
बाप
हैं तुम्हारी हिफ़ाजत के लिए किये होंगे
जिन्होंने
तुम्हें सवांरने में जिन्दगी खपा दी
उन्हें
नसीहत देते हो,चुचाप सुनते हैं,बाप होंगे
पुश्तैनी
मकान तक बेंच दिया तुम्हारे ख्वाबों के लिए
तुम
विदेश में,वे पार्क में चिड़ियों से बातें करते हैं,बाप होंगे
तुम
परदेश में महँगी गाड़ियों में घूमते हो,
वे
किराए के मकान में,बाप होंगे
जिन्होंने
लड़ना सिखाया उन्हीं से लड़ के गए
सबने कहा
अच्छा नहीं किया उसने
उन्होंने
कहा- बच्चा है गुस्से में था
ऐसा
कौन कहता है बाप होंगे
पवन तिवारी
सम्पर्क
– 7718080978
poetpawan50@gmail.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें