यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

सोमवार, 20 मार्च 2017

कुछ भी हो इस बार लिखूंगी जमकर प्रेम कहानियाँ

गीत


पहली बार बुन रही हूँ प्यार की कहानियाँ
हो ना जाए डरती हूँ कहीं नादानियाँ

क्या इस डर से छोड़ दूँ मैं रचनी प्रेम कहानियाँ
सुनती हूँ भरमा देती हैं कभी-कभी जवानियाँ

मिलती नहीं बार-बार ऐसी जिंदगानियाँ
कुछ भी हो इस बार लिखूंगी जमकर प्रेम कहानियाँ

फिर देखेंगे,भोगेंगे,जानेंगे परेशानियाँ
उम्र,मौसम,वक़्त भी है कर लें कुछ मनमानियाँ

क्या पता फिर जिन्दगी ना करे मेहरबानियाँ
वक़्त मेहरबां है तो बना लूँ उसको दिलजानियाँ

अपने जीवन की भी कुछ होनी चाहिए निशानियाँ
बच्चों को भी सूना सकूँ कुछ दिलकश प्रेम कहानियाँ

पवन तिवारी

सम्पर्क -7718080978


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