जब से देखा तुमको,नहीं भाता कोई काम
बात चले जब प्रेम पिया की,आये तुम्हारा नाम
तेरे में याद तेरे जब भी डूबूं,होवे उलटा-पुल्टा काम
प्यार हुआ सखियाँ कहती हैं , हो गई मैं बेकाम
मैं चाहूँ तुम मुझको देखो,देख के करो सलाम
मैं चाहूँ तुम दो मुझको,प्यार का पैगाम/ईनाम
मैं भी खुस हो जाऊं पीलूं, प्यार का जाम
जी भर तुमको चाहूँ पाऊं,प्यार करूँ तमाम
मेरी ख्वाहिश है तेरे संग जुड़ जाए मेरा नाम
गम नहीं मुझको मैं गर,हो जाऊं बदनाम
कुछ भी होगा,होगा मगर , होगा मेरा नाम
मिलकर करेंगे साजन प्यार से सब काम
पवन तिवारी
सम्पर्क -7718080978
poetpawan50@gmail.com
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