एक बार
आजमा के तो देख तेरा जाएगा क्या
बातें
तो तूं खूब करता है निभाएगा क्या
समंदर
का घमण्ड छू-मंतर हो जायेगा
इतना
पूछो प्यास लगी है बुझाएगा क्या
उसके
पास पैसा है,ताक़त है तो बराबर वालों से लड़े
वरना
लोग थूकेंगे , गरीब को सताएगा क्या
बहुत
गुरुर है उसे अपनी ताक़त पर
ज़रा
पूछो तो पत्थर से टकराएगा क्या
बुलाया
नहीं है मैनें पर आता है तो आ जाए
कुछ
मिलेगा नहीं इस बार,खाली हाथ जाएगा क्या
आमदनी
चवन्नी,खर्चा करें अठन्नी
इसी
तरह चला तो खायेगा क्या
बहुत
सर उठा के चलता था,कल झुका के गया
उस गली
से जब आवाजें आयी,आयेगा क्या
पवन तिवारी
सम्पर्क -7718080978
poetpawan50@gmail.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें