उन्होंने
की बेवफाई मेरा क्या होगा
सोंचता
हूँ मर जाऊं जीकर क्या होगा
उन्होंने
की बेवफाई तो उनका क्या दोष है
जो
मेरे सहारे हैं उनका क्या होगा
सोंचता
हूँ वो चार जो मुझपे जाँ छिडकते हैं
उस एक
बेवफा के लिए न मरुँ तो क्या होगा
मुझे
रुसवा करके वो खुस हैं ज़िंदा हैं
मैं भी
जियूं, देखूं आगे क्या होगा
वो खुस
रहेंगी उनकी खुशियों को देख जी लूंगा
कईयों
का मामा हूँ,उनके भी कहेंगे तो क्या होगा
जिन्दगी
तूं ही बता इतनी उलझी क्यूँ है तूं
जिन्दगी
तूं मेरी जिन्दगी न हुई तो क्या होगा
पवन
तिवारी
सम्पर्क-
7718080978
poetpawan50@gmail.com
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