जो कहते हैं तुमसे
मत रोना!
जो कहते हैं-
रोना कायरता है!
वही वास्तव में कायर हैं!
जब भी तुम्हें
असह्य पीड़ा हो,
जब भी छल
तुम्हारा ह्रदय करे विदीर्ण;
तुम रोना और
तब तक रोना,
जब तक उस पीड़ा या
छल का ठोस गोला,
गीला होकर
पिघल न जाये!
रोना, मनुष्य होने का
सबसे बड़ा प्रमाण है!
रोना एक औषधि है!
जो नहीं रोते
उनके मनुष्य होने पर
संदेह है, और रहेगा!
सुना है, हिटलर कभी नहीं रोया!
क्या तुम्हें याद है कि
तुम पिछली बार
कब रोए थे! जैसे-
तुम्हें याद है
तुम्हारी पिछली हँसी!
पवन तिवारी
04/08/2024
सुन्दर
जवाब देंहटाएंसादर धन्यवाद
हटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद
हटाएंसबकी हिम्मत या सुविधा नहीं होती रो सकने की। रो पाना भी बड़ी बात है, वह भी किसी के समक्ष।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद भावना जी
हटाएंवाह! साधारण शब्दों के साथ कितना बढिया लिखा है आपने।
जवाब देंहटाएं''...
तब तक रोना,
जब तक उस पीड़ा या
छल का ठोस गोला,
गीला होकर
पिघल न जाये!
...''
''...
रोना एक औषधि है!
...''
धन्यवाद प्रकाश जी
हटाएंसादर आभार
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