यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

शनिवार, 3 अगस्त 2024

हो आया भारत चंदा पर



हो आया  भारत चंदा पर

अब  मंगल  पर  जाना है.

चंदा मामा के संग हमको

मंगल    भइया    गाना है.

 

मंगल भईया मंगल कर दो

भइया   के   घर   पानी   है.

समचार  पानी का सुनकर

नानी    भी     हरसानी   है.

 

मगल भइया के घर जाकर

हाल – चाल   ले   आना  है.

उसके  आगे  सूरज  बाबा

के   घर   मिलने   जाना है .

 

हाल चाल लेने की ख़ातिर

भारत   यान    पठाया   है .

सूरज  बाबा   का  संदेशा

ठीक - ठाक  ही  आया है.

 

चंदा मामा  का तो अक्सर

मिलता     हाल - चाल   है.

चीन रूस भारत अमेरिका

सबका   ही   ननिहाल   है.

 

पवन तिवारी

३०/०७/२०२४    

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें