यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

बुधवार, 22 मार्च 2017

अपनी मोहब्बत की बस इतनी सी कहानी है

















तेरी पाक मोहब्बत जो मेरे दर पे आई
तो लगा जैसे खुदा की इबादत हो गई

वो बेसाख्ता बस बोले जा रही थी
मैनें कहा मोहब्बत तो चुप हो गयी

अपनी मोहब्बत की बस इतनी सी कहानी है
बस दो बार आईं – गईं और हो गई

मोहब्बत के बीच जब दुश्मनों की बात चली
बेसाख्ता वे बोल पड़े छोड़ो न यार बात पुरानी हो गई

तुम मिली जो जिन्दगी में जिंदगानी हो गई
जिन्दगी पूरी मेरी सुन्दर कहानी हो गई


पवन तिवारी

सम्पर्क -7718080978

poetpawan50@gmail.com

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें