प्यार क्या इस तरह निभाओगे
ख़ास मौकों पे दिल दुखाओगे
याद आते हो , नहीं आते हो
बिन बुलाये क्या नहीं आओगे
यूँ अकेले में तो जताते हो
सामने सब के भी जताओगे
कहके हाँ फिर से मुकर जाते हो
इस तरह से भी क्या सताओगे
साथ में मेरे गुनगुनाओगे
बाँह में बाँह डाले गाओगे
उम्र है प्यार की किये जाओ
ये समय फिर कहाँ से पाओगे
फेरे कब साथ में लगाओगे
सुनती हो! ऐसे कब बुलाओगे
प्यार है, जान गयी आगे क्या
प्यार को ज़िन्दगी बनाओगे
पवन तिवारी
१३/०१/२५
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