यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

रविवार, 6 अक्तूबर 2024

कितने दिन पर गीत लिखा हूँ



कितने दिन पर गीत लिखा हूँ 

जाने किसको मीत लिखा हूँ 

कुछ मीठा सा लिखना था पर 

जाने क्यों मैं तीत लिखा हूँ 


गर्मीं में भी शीत लिखा हूँ 

कैसी उल्टी रीत लिखा हूँ 

जीवन भर अक्सर हारा हूँ 

पर गीतों में जीत लिखा हूँ 


झुके हुओं को भीत लिखा हूँ 

अनजानों को हीत लिखा हूँ 

कवि अलबेले फक्कड़ होते

 कड़वों को भी प्रीत लिखा हूँ 


पवन तिवारी ०६/०९/२०२४

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