यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

मंगलवार, 8 अक्तूबर 2024

प्रतिरोध का आनंद


 

 

 

कोई पुराना परिचित

पुराना विरोधी

तुम्हें फूटी आँख भी

न देखने वाला,

अकस्मात देखकर

मुस्कराने लगे,

तुमसे मीठे स्वर में

करें संवाद,

तब समझ जाना

कोई बड़ा संकट

आने वाला है!

भागना मत;

परीक्षा देना,

अपने अनुभव, समझ,

धैर्य, सबको इकठ्ठा करना

और मुस्करा कर

करना सामना,

फिर देखना,

दोनों ओर

आनन्द होगा,

प्रतिरोध का आनन्द !   

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