उपयोगी जितने रहे
उतना ही सम्मान
बिन उपयोगी व्यक्ति को
सदा मिले अपमान
आवश्यकता भर बात है
उतना ही संबंध
संबंधों में आ गया
प्रभल भाव अनुबंध
आत्म प्रशंसा से भरा
व्यक्ति उपेक्षित होय
ऐसे से सब ही बचें
मित्र बने ना कोय
बड़बोले पन से बचें
बची रहेगी लाज
कम बोलेंगे काम भर
बनेंगे बिगड़े काज
पवन तिवारी
११/०९/२०२४
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