चलो आज ऐसा किया जाये
छल मिले, दुःख मिले हाय
रोये भी थे
घोलकर इनको रस सा पिया जाये
ज़िन्दगी को फिर से जिया जाये
क्या से क्या हो गया देखते देखते
क्या से क्या हम हुए देखते देखते
लोग गिरगिट हुए
देखते – देखते
छोड़ ये दृश्य आगे बढ़ा जाये
ज़िन्दगी को फिर से जिया जाये
कुछ नये लोग जोड़ें नयी राह लें
आस की टोकरी में नयी चाह लें
फिर से हम ज़िन्दगी की नयी थाह लें
कुछ नये अनुभवों से मिला जाये
ज़िन्दगी को फिर से जिया जाये
कैसे किसको बिगाड़ा नये तौर ने
कैसे बदला लिया अन्न के कौर ने
भूख से भी मरे इस नये दौर में
सोचो कैसे इसे बदला जाये
ज़िन्दगी को फिर से जिया जाये
पवन तिवारी
१९/०१/२०२४
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