यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

रविवार, 14 जनवरी 2024

राम राम राम राम राम राम कहिये

सरयू तटे राज्य नगरम् अयोध्या

त्या  राज्य  राजे  रामं  नमामि !!

तेषां   नगरे   पुण्यं   फलीतम

त्या द्वारपाले  हनुमत  नमामि !!





राम राम राम राम राम राम कहिये

सीताराम सीताराम सीताराम गहिये

धर्म अर्थ काम मोक्ष राम में समाया

राम में सकल जग राम में ही रहिये

 

राम राम राम राम राम राम कहिये

सीताराम सीताराम सीताराम गहिये

 

राम  भगति  में  सरयू सा बहिये

अनाचार  अ’धर्म  कबहूँ न सहिये

राम  जगत के हैं एक ही खेवइया

हमें मात्र अवधनाथ राम जी ही चाहिए

 

राम राम राम राम राम राम कहिये

सीताराम सीताराम सीताराम गहिये

 

लखन लाल की जय जय कहिये

भरत  शत्रुघ्न  जय जय कहिये

द्वारपाल जय  हनुमत  कहिये

राघव राम की जय जय कहिये

 

राम राम राम राम राम राम कहिये

सीताराम सीताराम सीताराम गहिये

 

पवन तिवारी

१४/०१/२०२४

 

  

  

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