जो सफल चाहने वाले उसके बहुत
पर सफलता के होते भी दुश्मन
बहुत
कुछ सफल लोगों के हिय से
पूछो जरा
त्रास छल के भी किस्से
मिलेंगे बहुत
दास तुलसी की जीवन कहानी
पढ़ो
या निराला की जलती जवानी
पढ़ो
ये अमर लोग जीवन में मरते
रहे
या कि पद्मावती झाँसी रानी
पढ़ो
यूँ तो दृष्टांत की कुछ कमी
है नहीं
ज़िन्दगी कैसी हो पर थमी है नहीं
बोस,आज़ाद,बिस्मिल,भगत याद हैं
उनकी आँखों में आयी नमी है
नहीं
हँसते - हँसते यहाँ मरने
वाले रहे
देश की आन को काला पानी सहे
कितने कोड़े पड़े ज़ुल्म कितने
हुए
पर न रोये न दुखड़ा किसी से
कहे
हो सफलता किसी की भी जैसी
भी हो
अपनी हो राष्ट्र की या कि
कैसी भी हो
उसमें अपनों से ज्यादा हों
दुश्मन भी खुश
कुछ सफलता तो जीवन में ऐसी
भी हो
पवन तिवारी
०८/०९/२०२२
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