हम तेरे प्यार में मर ही जायेंगे क्या
मर गये तो बता फिर
निबाहेंगे क्या
ऐसा
कुछ होने से पहले आकर तू मिल
अपने
दिल को कहानी सुनायेंगे
क्या
यूँ
ही होता है
या प्यार होता है क्या
सब है नाटक
कोई दिल को खोता है
प्यार
जब से हुआ बोलती बंद है
कोई
अंदर ही अंदर रोता है
क्या
प्यार
का दर्द कड़वा या मीठा है क्या
लगता
सारा नज़ारा भी फ़ीका है क्या
ऐसी
बातें कभी मैं
तो करता न था
प्यार
में ज्ञान की
कोई गीता है क्या
किसको
तड़पा के भी कोई पाता है क्या
इस
तरह ज़ुल्म भी कोई ढाता है क्या
इससे
पहले कि बिगड़े मेरा संतुलन
मिल
तो ले आके मिलने से तेरा जाता है क्या
पवन
तिवारी
२८/१२/२०२१
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