ये
उर युगों – युगों का मारा
चाहिए
बस विश्वास तुम्हारा
फिर
से कोई कपट मिला तो
यम ही
केवल एक सहारा
प्रथम
दृष्टि में मोह से सारा
आनन
आभा युक्त तुम्हारा
तुम
पर न्यौछावर नरेश हों
तुम्हरे
लिए सह लेंगे कारा
पर
चरित्र लेकर संशय है
हुआ
प्रेम पहले भी क्षय है
पहले
भी सौन्दर्य छला है
वैसा
ना हो इसका भय है
अब
मुझको आचरण चाहिए
सत
निष्ठा का चरण चाहिए
सच्चे
मन का साथ मिले बस
नहिं
सुंदर आवरण चाहिए
पवन
तिवारी
०४/०१/२०२२
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