दुःख
में जो साथ छोड़ जाते हैं
छल से सम्बंध तोड़ जाते
हैं
ऐसे सहचर सुखी नहीं रहते
साथी
से मुँह जो
मोड़ जाते हैं
जो तुम्हें
प्रेम करते जाता है
तुमको
ही दिल में भरते जाता है
पाप
है तोड़ना तो
उर उसका
तुम
पे जो रोज मरते जाता
है
बस तुम्हें देखे स्वप्न में
भी जो
जिसकी
आँखों में हर घड़ी तुम हो
उसको
ठगकर ठगे ही जाओगे
गैरों
में भी तलाशोगे
उसको
लूटने
वाला
लुटेगा इक दिन
कह
न पायेगा घुटेगा छिन-छिन
सच्चे साथी को लूटता जो है
एक
दिन आती उसे ख़ुद से घिन
हाथ
पकड़ा तो छोड़ मत देना
स्वार्थ
में पड़ के हाथ मत लेना
दर्द
दिल से बड़ा नहीं कोई
प्रेम की नइया पार तक खेना
पवन
तिवारी
१७/१२/२०२१
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