जब तेरे प्यार से गुजरते
हैं
तब जरा और ही संवरते हैं
प्यार
का सिलसिला जो चलता है
रोज
दर रोज हम निखरते हैं
ये तेरा प्यार जैसे उबटन है
फिर
से आया कि जैसे बचपन है
पहले
उलझन तनाव जैसा था
अब
तो हर्षित खिला खिला मन है
लगता
है हम नसीब
वाले हैं
कट गये ज़िन्दगी
के जाले हैं
तेरे
मिलने से ऐसा लगता है
बंद
किस्मत के खुले
ताले हैं
प्यार
को यूँ बनाये
रखना है
प्रेम
के संग - संग बहना
है
अच्छे
जीवन की प्रबल औषधि ये
इससे
अच्छा न कोई गहना है
पवन
तिवारी
२४/०१/२०२२
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