जाने
कितने गुबार हैं
दिल में
उनका
उपचार करोगे क्या तुम
जिसने
तुमको कभी उबारा था
उसका
आभार करोगे क्या तुम
सच
के पथ से नहीं भटकना है
इसका
सम्मान करोगे क्या तुम
जल्दबाजी
से हानि भी होती
प्रतीक्षा
अल्प करोगे क्या तुम
मुझको
सम्मान देते हो
माना
माँ
का सम्मान करोगे क्या तुम
ख़ुशी
पे सब ही मरते मिटते हैं
दर्द
से प्या र करोगे क्या तुम
तुम
गरीबों को उबार के थोड़ा
खुद
पे एहसान करोगे क्या तुम
वक़्त
आने पे साथियों के लिए
खुद
को कुर्बान करोगे क्या तुम
पवन
तिवारी
१५/०१/२०२२
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