प्यार
ने जितनी ख़ुशी दी थी सारा छीन लिया
एक धोखे
ने जैसे सारा जहाँ
छीन लिया
दुखों
में प्यार के दुःख से ही अधिक खतरा है
ज़िन्दा
रखा है मगर ज़िन्दगी को छीन लिया
प्यार
का छल ज़हर है हाँ, ये थोड़ा धीमा है
दर्द
है अन्तहीन, कोई नहीं
सीमा है
प्यार
से बच सके तो थोड़ा ही सुख कम होगा
इसका
दुःख क्या कहूँ कि बहुत लंबा बीमा है
प्यार
कब,किसकी भला अपने आगे सुनता है
हुआ
तो बस अपनी, धुन की ही,
सुनता है
प्यार
सच्चा मिला तो भाग्य फला जन्मों का
ज़िन्दगी
भर
वरना वेदना ही
चुनता है
पवन
तिवारी
४/११/२०२१
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