ये
न पूछो वो हमारा कैसे होता
ये
पूछो वो
बेचारा कैसे होता
ग़लत
से उम्मीद ग़लत किया
वगरना हारा कैसे होता
शहर
आवारगी को कह रहा था
वसूलों को
गवारा कैसे होता
तुम्हीं
ने आसमाँ की लत लगायी
तुम्हारे
बिन सितारा कैसे होता
मेरे
नसीब में धोखा लिखा था
मोहब्बत
का सहारा कैसे होता
पवन
तिवारी
१५/०४/२०२२२
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