कैसे – कैसे हुए कहानी में
हम तो रोये भरी जवानी में
कोई धन चाहे कोई यश
चाहे
हम तो
उलझे रहे दीवानी में
सबके हिस्से में कुछ न कुछ आया
अपने हिस्से में
मात्र दुःख आया
लोग सावन बसंत गाते
रहे
अपने हिस्से में विरह वन आया
तेरे सपने ही सब पे भारी थे
तंज दुनिया के जैसे
आरी थे
फिर भी तुझको ही सोचा करता था
और तेरे लिए सवारी थे
जब जो आयी समझ तो मारा गया
प्यार का सब
फितूर यारा गया
प्यार पर
ही न
सब लुटा देना
वरना
भोगोगे मेरा सारा गया
पवन तिवारी
२८/०२/२०२२
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