यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

बुधवार, 16 जून 2021

सच्चा प्रेम तो धवल - धवल है

सच्चा प्रेम तो धवल - धवल है

धड़कन की गति  गंगा जल है

ध्यान लगाओ  हिय की भाषा

यमुना की कल कल कल कल है

 

यदि सच पावन प्रेम हो ऐसा

तब सब होगा स्वर्ग के जैसा

ऐसे  में  सब  देव  मिलेंगे

जो   चाहोगे   होगा  वैसा

 

प्रेम शची  है  प्रेम  सती है

प्रेम की  सबसे तीव्र गती है

ईश्वर को भी प्रेम है प्यारा

सच में वो  ही  प्रेमपती है

 

पूजा मान प्रेम  तुम करना

श्रद्धा रखना किन्तु न डरना

प्रेम तो फिर आनन्द ही देगा

प्रेम से सबकी झोली  भरना

 

पवन तिवारी

संवाद – ७७१८०८०९७८

२७/०७/२०२०

 

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