छोड़ी परदेस सइयां आजा तू प्यार में
पइसा के मोह छोड़ा
आवा घर बार में
पइसा से सब बाकी
प्यार नाही पइबा
कुछ दिन गुज़ारा
सइयाँ हमरे दुलार में
जिनगी ओराई जाई नोकरी के कार में
कबहूँ त बइठा सुगना
नेहिया के डार में
पिरितिया बिना ये
सुगना मनई न होबा
जवानियाँ गलावट बाटा
अइसै बेकार में
घूमें खातिर आजा
सइयाँ दिल के दुआर में
कहाँ भटकेला सइयाँ सगरो बजार में
यही दुअरा से सइयाँ मिलि जाई
रास्ता
सोचा जिनि सइयाँ चलि
आवा यही पार में
बाटै करंट जादा नेहिया
के तार में
घुटल जात बाटी सइयाँ
बिसरले के भार में
बाटी गोहरावत सइयाँ उछ्ड़ेला सिनवा
आवा भरि लेइत सइयाँ बहियाँ
के हार में
पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें