ख़्वाबों में भी ख्वाब आने
लगे हैं
कि जब से वो ख्वाबों
में आने लगे हैं
तभी से जमाने की
बदली हैं नज़रें
जमाने को अब
हम दीवाने लगे हैं
आज-कल तो मंदिर भी जाने लगे है
हैं बेसुरे
फिर भी गाने
लगे हैं
बदलाव ऐसा कि हम भी अचम्भित
सिद्धांत अपने जलाने
गले हैं
दिल से लगा दिल
लगाने लगे हैं
कि बातें
पुरानी भुलाने लगे हैं
कभी प्यार के हम भी
दुश्मन बड़े थे
अब प्यार पावन
बताने लगे हैं
प्यार की हवा जब से
खाने लगे हैं
जैसे आसमानों
पे छाने लगे हैं
सब कुछ दिखे खुशनुमा
खुशनुमा है
सितम दोस्तों पे भी ढाने लगे हैं
अपनों से कितने ही
ताने लगे हैं
फिर भी जी रिश्ते
निभाने लगे हैं
प्यार बड़ा जादू है
बस इतना समझा
कि खतरे पे खतरे
उठाने लगे हैं
अब खुद भी खुद को जो
भाने लगे हैं
समझने में
ये ही जमाने लगे हैं
इक बार प्यार सबको
होना जरुरी है
प्यार में ही
ईश्वर को पाने लगे हैं
पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
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