दर्द से दर्द से
मिला क्या हुआ कि प्यार हुआ
कहा कि और पिला क्या
हुआ कि प्यार हुआ
बाग़ के फूल पर क़िस्सा न कहानी
कोई
फूल जंगल में खिला
क्या हुआ कि प्यार हुआ
मौत चाहा मौत आयी तो
बोला मोहलत दे
और कुछ देर जिला
क्या हुआ कि प्यार हुआ
था मुसीबत में अकेला
तो जरा साथ दिया
उसपे लोगों का सिला
क्या हुआ कि प्यार हुआ
जेब खाली थी मगर दोस्त से हँसकर बोला
जरा इक फूल दिला
क्या हुआ कि प्यार हुआ
उसने वो बाग़
खेत और भी सब बेच दिया
लिया बीएस एक विला
क्या हुआ कि प्यार हुआ
हम तो समझे थे कि बुद्धू है मगर पागल भी
कहता है जीता किला
क्या हुआ कि प्यार हुआ
कल तलक जिसको मारना
था आज मरता है
मेरा दिमाग हिला
क्या हुआ कि प्यार हुआ
पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
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