सुखकर्ता हैं,
दुःखहर्ता हैं , ऐसे गणेश की गौरी हैं माता
शुभ लाभ पुत्र हैं
समृद्धि भरते, मंगल के सर्वस्व हैं दाता
रिद्धिहि सिद्धि हैं
पत्नियाँ इनकी,सारी सिद्धियों के ये विधाता
कोटि नमन लम्बोदर जी
को जिनका गुण जन जन है गाता
भूत पिशाच करें
आराधन, सर्व प्रथम यही नाम है आता
पूज्य प्रथम हैं लोक
सकल में, जग इनकी धुन पर है गाता
वाहन मूषक ज्ञान
प्रतीक है, प्रिय इनका है वो मोदक खाता
हर युग के अवलम्ब
हैं गणपति, जो भी भजे हर सुख है पाता
पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
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