यह ब्लॉग अठन्नी वाले बाबूजी उपन्यास के लिए महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी का बेहद कम उम्र में पुरस्कार पाने वाले युवा साहित्यकार,चिंतक,पत्रकार लेखक पवन तिवारी की पहली चर्चित पुस्तक "चवन्नी का मेला"के नाम से है.इसमें लिखे लेख,विचार,कहानी कविता, गीत ,गजल,नज्म व अन्य समस्त सामग्री लेखक की निजी सम्पत्ति है.लेखक की अनुमति के बिना इसका किसी भी प्रकार का उपयोग करना अपराध होगा...पवन तिवारी

शनिवार, 15 फ़रवरी 2020

स्वच्छता का हमें ध्यान रहे- सवैया


स्वच्छता का हमें ध्यान रहे अरु संस्कृति का अभिमान रहे
चारो तरफ हम ही हम हैं  नहीं अन्य का भी  सम्मान रहे
निज सम अन्य की  भाषा परम्परा  धर्म का पूरा मान रहे
राष्ट्र की यह भी सेवा  ही सम राष्ट्र पे अपने गुमान  रहे

हम क्या हैं इतिहास  हमारा  इसका भी आभास रहे जी
बलिदानी वीरों की  स्मृति  उर में सुरक्षित ख़ास रहे जी
सब भावों में  सेवा ऊपर  मन  भारत  का दास रहे जी
सर्वोपरि हो राष्ट्र सदा ही  हिय  के तिरंगा पास रहे जी


पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८



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