राम के नाम ले तर ही
गयी चाहे नीयत किसकी कैसी हो खोटी
हरदम राम अगाध रहे हर गागर राम के नाम से
छोटी
राम के नाम से तुलसी तरयो जग में फहराय रही ताकी चोटी
राम चरित मानस
में ब्यापौ गाय
रहे हैं जी कोटिन कोटी
राम के काज में लीन हुए, कहि राम हुए हनुमान जी जोगी
राम के नाम अहिल्या तरी
शबरी प्रभु धाम की हो गयी भोगी
रामहि नाम प्रताप
बड़ा बस नाम जपें होई
जाएँ निरोगी
कलयुग में बस राम
अधार हैं नइया पार जी राम से होगी
जिस दुनिया के राम आधार हैं, उनको कहें कुछ स्वार्थी खोटा
राम को धूर्त नकार रहे, जिनका जग
में परताप है मोटा
राम ही धर्म हैं राम
ही कर्म हैं जग उनके सम छोटा सा लोटा
राम को देने चुनौती
चले हैं, जो उनका चरित्तर छोटों में छोटा
पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
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