तुम्हें गर इश्क मेरा चाहिए तो
हमें भी दिल
तुम्हारा चाहिए तो
वो दिल लेकर खड़ी हो
जाए रस्ते
मगर कोई दीवाना चाहिए तो
बड़ी पागल उमर कच्ची
कहूँ क्या
उसे दिल का
ख़सारा चाहिए तो
कि माझी की सदा सुननी
पड़ेगी
जिन्दगी का किनारा
चाहिए तो
वो कब से ताक में
बैठी है दिल के
उसे इक ही इशारा चाहिए तो
पवन कैसी पवन चलने
लगी अब
कहो हाँ – हाँ सहारा
चाहिए तो
पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक –
पवनतिवारी@डाटामेल.भारत
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