वक्त आयेगा मगर आप
भी आते रहिये
कभी - कभी ही सही
हाथ मिलाते रहिये
कौन जाने कि कौन
किसके काम आ जाये
गरीब जो दे चना प्यार से खाते रहिये
अमीरों के लिए हर एक कला है हाज़िर
आप मजलूमों के दुःख
दर्द को गाते रहिये
अच्छा लगने में कभी
अच्छा वक्त लगता है
मज़ा आयेगा मगर खुद को भी भाते रहिये
इश्क की गर्मी से वो
भी तो निखर जायेंगे
प्यार के जैकेट को यूं ही सिलाते रहिये
प्यार का मोजजा
सचमुच जो देखना है अगर
दुश्मनों को भी ज़रा इश्क चखाते रहिये
पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक –
पवनतिवारी@डाटामेल.भारत
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें