दिल बहलाने के ख़ातिर
मेरे गीत नहीं है
हाँ में हाँ ख़ातिर
हम तुम्हरे गीत नहीं है
गीत हमारे मज़लूमों
के साथी हैं
गीत हमारे दिनकर आज अतीत नहीं है
गीत हमारे लय के ही
अनुसरण नहीं हैं
प्रेमी मन का सहज-सरल
अनुकरण नहीं हैं
गीत मेरे जन
संघर्षों के वाहक हैं
गीत मेरे बस कविता
के आवरण नहीं हैं
गीत मेरे शब्दों के केवल जाल नहीं हैं
अलंकार, श्रृंगार के
केवल लाल नहीं हैं
अपने युग के
ये सच्चे व्याख्याता हैं
काल के सच्चे वाद्य
हैं केवल ताल नहीं हैं
ये केशव के
छंदों जैसे प्रीत
नहीं हैं
केवल गीत हैं हार
किसी की जीत नहीं हैं
प्रीति के आदि वैद्य
हैं बस इतना समझो
दिल से गाते पर दावा
जगजीत नहीं हैं
पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक – पवनतिवारी@डाटामेल.भारत
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